नारी तू मत आना इस लोक
नारी तू मत आना इस लोक
क्योकि यहाँ कोई न तेरा करेगा शोक
तू कभी एक चीज की तरह बेचीं जायेगी
तो कभी गर्भ में ही मार दी जाएगी।
तेरी मूर्ति बनाकर की जाएगी पूजा
मगर जब तो सर्दी मैं निर्भया बनकर पुकारेगी
बस तू सिर्फ चीखेगी, चिल्लायेगी
लेकिन तेरा साथ न देगा कोई दूजा।
तेरा कभी सीता, तो कभी द्रौपदी के रूप में अपमान किया जायेगा
तो कभी कभी बेवफा का लांछन लगा कर
अहिल्या की तरह पत्थर की मूरत बना दी जाएगी।
तुझे कभी रीती रिवाजो के बंधन में बांधा जायेगा
तो कभी विधवा होने पर , जलती आग में फेंका जायेगा।
और हाँ, अगर फिर भी लेना चाहेगी जनम
तो खुदा से कहना की मुझें गोरा रंग और पूरे लिबास मे भेज
वर्ना होश सभालते ही काले बुर्क़े में कैद कर दी जाएगी।
इसलिए कहता हूँ, बात फायदे की
कि, मत आना इस लोक
क्योकि यहाँ कोई न तेरा करेगा शोक।।
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