Pride & Prejudice

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आज प्राताः काल मुझे लाइब्रेरी में मुझे SEXISM का जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला। जी हाँ, भाईयो और उनकी बहनो उस द्रश्य को देख मेरे रोंगटे खड़े हो गए। कुछ देर तक मै स्तब्ध खड़ा रहा, मानो पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी हो, चारो तरफ गहरा सन्नटा फैल गया था, लड़को की चुप्पी देख ऐसा लग रहा था की मानो उन्हें साफ़ सूंघ हो। आज भले ही हम GENDER EQUALITY के बाते करे लेकिन जमीन पर कुछ नहीं बदला हैं।  
" किसी ने सही कहा है कि आदर्श अगर आचरण मै न आये तो केवल नारे बन कर रह जाते है" 
आज भले भारत चाँद पे पहुंचने का दावा करता हो, लेकिन आज भी इस समाज में पुरुष एवं महिलाओ को उनके लिंग के आधार पर रोज की दिनचर्या में भेदभाव का सामना करना  है। मै इस घटना को देख कर इतना आहत हुआ हूँ, कि चाह कर भी उस दृश्य को नहीं भुला सकता, तो सारी  भड़ास यही पर निकल रहा हूँ।  
चलो बहुत घुमा लिया अब MAIN INCIDENT  बताता हूँ!! तो सुनो.....
MID TERM EXAM का समय है तो लाइब्रेरी में लड़को एवं लड़कियों का तां तां लगा हुआ है। SECURITY GUARD को कड़े निर्देश दे रखे है कि किसी को भी बिना ID-CARD के एंट्री नहीं दी जाए। खैर छोड़िये मेरा क्या है मेरा तो घर की तरह ही है, सभी स्टाफ भली भाँती जान गया है, समय समय पर स्टाफ वालो के काम मै हाथ भी बटा देता हूँ, तो मेरे तो लगभग सभी मित्र से हो गए हैं। तो ENTRY वाली तो कोई समस्या ही नही है।
हाँ, तो मै बता रहा था कि कैसे इतने प्रतिस्थित सरकारी स्थानों पर भी SEXISM एग्ज़िस्ट करता है। 
एक लड़का, शक्ल से फच्चा महसूस हो रहा था (शायद आलस्य के वश में, SHORT ही पहन कर आ गया), बहुत ही जल्दबाजी मे कड़ी सुरक्षा को दरकिनार कर, अंदर घुसा चला जा रहा था। 
SECURITY GUARD ने अपनी DUTY का परिचय देते हुए , तत्परता से उसे रोका एवं उससे ID दिखाने को कहा, ID होने के बावजूद उसे DRESS-CODE का हवाला देते हुए रोक दिया। SHORT पहनकर आने के कारण साथ-साथस्टाफ ने भी काफी सुनाया। "तुम्हे मैनर नहीं है, किस जगह क्या पहन के आना है। ये कोई घर थोड़े ही है जो कुछ भी पहन क्र आ जाओगे। " 
बेचारे को खरी खोटी सुनाई ही जा रही थी कि तीन सुंदरिया (जो की SHORTS पहने थी ) , उस बेचारे के सामने से बिना किसी रोक-टोक के स्माइल पास करती हुई अंदर गयी। कोई रोकेगा क्यू? शॉर्ट्स पहना है, कोई गुनाह थोड़े ही है। 
लड़के का मुँह देखने लायक था। 
भाईयो हुआ ना SEXISM, अब चाहे उसका शिकार लड़की हो या लड़का। JUSTICE तो सभी का अधिकार है। 







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